लाला हरदयाल जयंती- प्रदेश मानवाधिकार संगठन

लाला हरदयाल (१४ अक्टूबर १८८४, दिल्ली -४ मार्च १९३९) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के उन अग्रणी क्रान्तिकारियों में थे जिन्होंने विदेश में रहने वाले भारतीयों को देश की आजादी की लडाई में योगदान के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। इसके लिये उन्होंने अमरीका में जाकर गदर पार्टी की स्थापना की। वहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बीच देशभक्ति की भावना जागृत की। काकोरी काण्ड का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद मई, सन् १९२७ में लाला हरदयाल को भारत लाने का प्रयास किया गया किन्तु ब्रिटिश सरकार ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद सन् १९३८ में पुन: प्रयास करने पर अनुमति भी मिली परन्तु भारत लौटते हुए रास्ते में ही ४ मार्च १९३९ को अमेरिका के महानगर फिलाडेल्फिया में उनकी रहस्यमय मृत्यु हो गयी।उनके सरल जीवन और बौद्धिक कौशल ने प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए कनाडा और अमेरिका में रहने वाले कई प्रवासी भारतीयों को प्रेरित किया।
लाला हरदयाल गम्भीर आदर्शवादी, भारतीय स्वतन्त्रता के निर्भीक समर्थक, ओजस्वी वक्ता और लब्धप्रतिष्ठ लेखक थे। वे हिन्दू तथा बौद्ध धर्म के प्रकाण्ड पण्डित थे। उनके जैसा अद्भुत स्मरणशक्ति धारक व्यक्तित्व विश्व में कोई विरला ही हुआ होगा। वे उद्धरण देते समय कभी ग्रन्थ नहीं पलटते थे बल्कि अपनी विलक्षण स्मृति के आधार पर सीधा लिख दिया करते थे कि यह अंश अमुक पुस्तक के अमुक पृष्ठ से लिया गया है। यहाँ पर उनकी रचनाओं में से कुछ इस प्रकार से हैं:
थॉट्स ऑन एड्युकेशन
युगान्तर सरकुलर
राजद्रोही प्रतिबन्धित साहित्य (गदर, ऐलाने-जंग, जंग-दा-हांका)
सोशल कॉन्क्वेस्ट ओन हिन्दू रेस
राइटिंग्स ऑन हरदयाल
फ़ॉर्टी फ़ोर मन्थ्स इन जर्मनी एण्ड टर्की
स्वाधीन विचार
लाला हरदयाल जी के स्वाधीन विचार
अमृत में विष
हिन्ट्स फ़ॉर सेल्फ़ कल्चर
ट्वेल्व रिलीजन्स एण्ड म‘ओडर्न लाइफ़
ग्लिम्प्सेज़ ऑफ़ वर्ल्ड रिलीजन्स
बोधिसत्त्व डॉक्ट्राइन्स
व्यक्तित्व विकास (संघर्ष और सफलता)
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