18 सितंबर नया इतिहास बनेगा ???
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में 18 सितंबर 1949 की बहस ऐसा पहला मौका था, जब संविधान सभा में 74 साल पहले यानी 18 सितंबर 1949 को देश के नामकरण पर पहली बार चर्चा शुरू हुई. दरअसल आंबेडकर समिति ने #भारत और #इंडिया दो नाम सुझाए, जिसके विरोध में संविधान सभा के सदस्य हरि विष्णु कामत ने संशोधन प्रस्ताव पेश करते हुए देश का नाम इंडिया से बदल कर भारत या भारतवर्ष करने की मांग की. एचवी कामत ने देश के नाम को लेकर अपना मत रखते हुए कहा कि दुनिया में नवजात के नामकरण की प्रथा है. गणराज्य के रूप में बहुत जल्द भारत का भी जन्म होने वाला है. नागरिकों की मांग है कि देश का भी नामकरण हो, इस बात को लेकर कई तरह के सुझाव आए हैं जिसमें हिन्दुस्तान, हिन्द, भारतवर्ष, भारत और भारतभूमि।
वहीं एचवी कामत ने उन लोगों के सवालों का भी जवाब दिया जो यह पूछ रहे थे कि इस नाम की आश्यकता क्या है? इस देश को इंडिया तो कहा ही जाता है, लेकिन जो लोग भारतवर्ष, भारत या भारत भूमि नाम रखना चाहते हैं उनका तर्क यह है कि धरती का सबसे पुराना नाम है. वहीं कामत की इस तर्क पर असहमति जताते हुए डॉ. भीम राव आंबेडकर ने कहा कि क्या यह सब पता लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस प्रस्ताव का औचित्य समझ नहीं आता ?
#18सितंबर2023 से मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र का आयोजन कर रही है, जो 22 सितंबर तक चलेगा. 13 सितंबर 2023 को संसदीय कार्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी किया था जिसमें उन्होंने संसद के एजेंडे को देश के सामने रखा था. इस विशेष सत्र में सरकार आजादी के 75 साल पूरे होने, जी20 और चंद्रयान पर चर्चा करेगी।
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